आखिर क्यों खाने वाले हल्दी में लेड की मिलावट होती जा रही है | Lead in edible food ingredients

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 हल्दी में आने लगा है विषैला लेड:

नमस्कार मित्रो आजबके इस हिंदी ब्लॉगपोस्ट पर आपका स्वागतव है। रिसर्च के मुताब‍िक इस तरह की हल्‍दी खाने से बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड सकता है और वयस्कों में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है। आइए दोस्तो आज के इस पोस्ट में हम खाद्य पदार्थों के मिलावटो को जानते है। रिसर्च में हल्‍दी लेकर को क्‍या कहा गया है। हल्दी हमारे क‍िचन का मुख्‍य मसालों में से एक हैं। ये न सिर्फ खाना पकाने में इस्‍तेमाल होता है, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी किया जाता है। हालांकि, हाल की कुछ स्टडीज से पता चला है कि भारत, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों में बिकने वाली हल्दी में लेड (सीसा) की मात्रा काफी अधिक है।



सीसा या लेड :

लेड एक जहरीला तत्व होता है, हल्दी में लेड की अधिकता का एक कारण मिलावट भी हो सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, हल्दी में मिलावट के लिए लेड-क्रोमेट का उपयोग किया जाता है, जिससे हल्दी का रंग गहरा पीला हो जाता है और यह अधिक आकर्षक दिखती है। लेड-क्रोमेट एक सस्ता मिलावट का विकल्प है, लेकिन इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। और इसके अधिक सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोग लंबे समय तक लेड वाली हल्दी का सेवन करते हैं, तो इसके कारण कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, खासकर बच्चों में। 

लेड का सेवन बच्चों के दिमागी विकास को प्रभावित कर सकता है और उनमें कांच (लेड फूड प्वाइजनिंग )की विषाक्तता बढ़ा सकता है। इसके अलावा, लेड का सेवन एनीमिया, उच्च रक्तचाप, किडनी की समस्या और इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने के साथ साथ कैंसर को भी बढ़ा सकता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि भारत के पटना, पाकिस्तान के कराची और पेशावर जैसे शहरों में बिकने वाली हल्दी के सैंपल में लेड का स्तर 1,000 माइक्रोग्राम/ग्राम से भी अधिक था, जो भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा निर्धारित 10 माइक्रोग्राम/ग्राम की सीमा से कहीं अधिक है। इसी तरह, गुवाहाटी और चेन्नई जैसे शहरों में भी हल्दी में लेड की मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई।

कैसे घर पर हल्‍दी में लेड का पता लगाए:

 एफ एस एस ए आई के मुताब‍िक एक टेस्‍ट ट्यूब में एक ग्राम हल्‍दी लें और इसमें 2 से 4 म‍िली पानी म‍िलाए। गिलास पानी लें और अब उसमें 0.5 एमएल हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) का घोल डालें। अब मिश्रण को कुछ देर तक हिलाते रहें। अगर इस घोल में झाग बनने लगे तो समझ जाए क‍ि इसमें लेड की मौजूदगी है।

कैसे बचें:

इन समस्याओं से बचने का कोई खास उपाय तो नही है , और ये तुरंत हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा सकते है परंतु धीरे धीरे हमारी क्षमता को कम जरूर करते हैं। साथ ही कैंसर को भी मिलावट ही बढ़ावा देते आ रहा है। इस समस्या से बचने के लिए हमें भरोसेमंद और प्रमाणित ब्रांड की हल्दी का ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि मान्यता प्राप्त कंपनियाँ हल्दी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं। इसके अलावा, हल्दी खरीदते समय उसके स्रोत और गुणवत्ता को जरूर चेक करे।

लोगो के अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

हल्दी में लेड कैसे चेक करे

अच्छे ब्रांड के हल्दी कौन से है

मिलावट के बारे में

हल्दी में क्या मिलावट होता है

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